25-01-2011-मुंबई -उत्तर प्रदेश के इंडियन आयल के अधिकारी मंजुनाथ द्वारा तेल कंपनियों के द्वारा बरते जा रहे भ्रस्ट्राचार को उजागर करते हुए अपनी जान गवां देने कि याद आड़ उस समय ताज़ा हो गयी जब नासिक के मालेगांव में एक एडिशनल कलेक्टर को दिनदहाड़े जिंदा जला दिया गया। इस जघन्य वारदात को इलाके में सक्रिय तेल माफिया ने अंजाम दिया। एडिशनल कलेक्टर तेल माफिया द्वारा की जा रही पेट्रोल-डीजल में मिलावट की जांच करने के लिए मौके पर गए थे। पुलिस के मुताबिक ये घटना मंगलवार की दोपहर को मालेगांव से 10 किलोमीटर दूर सानेवाडी इलाके में घटी।
अतिरिक्त कलेक्टर का नाम यशवंत सोनावने बताया जाता है। उनकी छवि काफी साफ-सुधरी थी। वे अपने साथी कर्मचारियों के साथ मौके पर छापा मारने गए थे लेकिन वहां तेल माफिया के गुर्गों ने उन्हें घेर लिया और पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। यशवंत की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। बताया जाता है कि ऑयल रिफाइनरी में तेल में मिलावट की कई शिकायतें यशवंत को मिल रही थीं। उन्होंने कई बार छापा भी मारा लेकिन तेल माफिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और आज उसने इस दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दे दिया।
बताया जाता है कि इस घटना के पीछे कुल पांच तेल माफिया का हाथ है। वे सभी इस समय फरार हैं। पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए नाकाबंदी कर दी है। नासिक-मनमाड हाइवे, मनमाड-नागपुर हाइवे, मनमाड-शिर्डी हाइवे और मनमाड-अहमदनगर हाइवे पर नाका लगा दिया गया है। राजस्व मंत्री बाला साहब थोराट ने कहा है कि तेल में मिलावट करने वाले अभियुक्तों पर मकोका लगाया जाएगा।
ऐसा नहीं है जब तेल कंपनियों में भ्रस्ट्राचार को उजागर करने पर या तो अधिकारीयों को मौत मिली है या फिर अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है रवि श्रीवास्तव को भी भ्रस्त्रच्र कि लडाई लड़ने के कारण उन्हें नौकरी से ही बर्खास्त कर
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