Friday, March 18, 2011

सच बोलने की सजा रवि श्रीवास्तव को मिली - २०० करोड़ का घोटाला


" H.P.C.L " में २०० करोड़ का घोटाला "

" सच बोलना मना है ,सच बोलने की आपको बहुत ही बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है इस देश में ..और भ्रस्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाना तो इस देश में बहुत ही बड़ा जुर्म माना जाता है और ये जुर्म कर बैठे थेH.P.C.L के रवि श्रीवास्तव ,जिनको बहुत ही बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है |"

"श्री रवि श्रीवास्तव को निकला गया नोकरी से "

आइये जानते है की २०० करोड़ का घोटाला क्या था और कैसे हुवा ?

* २०० करोड़ के " मार्कर " घोटाले के खिलाफ आवाज़ उठानेवाले रवि श्रीवास्तव "H.P.C.L " कंपनी में "सिनिअर ऑफिसर मेनेजर " के पद पर कार्य कर रहे थे |देश भर में हो रही तेल मिलावट रोकने के लिए " मार्कर " का इस्तेमाल किया जाता है ..और इस " मार्कर " का ठेका दिया गया था " औथेंटिकस" नामकी एक विदेशी कंपनी को मग़र हैरतअंगेज बात ये है की अगर सरकार को २ रुपये वाला बोलपेन खरीदना हो तो भी उसका टेंडर याने ठेका दिया जाता है मग़र यहाँ २०० करोड़ का ठेका दिया गया बिना कोई टेंडर के और ये ठेका दिया गया था भारतीय एजंट " s .g .s " द्वारा ..बिना टेंडर के इस ठेके के खिलाफ जब "रवि श्रीवास्तव" और उनके सहयोगी "अशोक सिंह "द्वारा आवाज़ उठाई गई तब से सुरु हुवा परेशानियों का दौर सच्चाई के इन पुजारियों के लिए |"

* बाज़ार में हो रहे तेल मिलावट को रोकने के लिए सरकार ने "s.g.s " द्वारा " औथेंटिक्स" को दिया ठेका २०० करोड़ का मग़र " R.T.I " को IOC और दूसरी और एक तेल कंपनी से पता चला की "SGS " लोगो को हमदर्दी दिखाकर गुमराह कर रही है |"

* १२ मई २००८ के दिन रवि श्रीवास्तव और अशोक सिंह ने " रीजीनल डायरेकटर ऑफ़ सीबीआई " को लिखित शिकायत दर्ज की मग़र जैसे ही सिकायत दर्ज करवाई "रवि श्रीवास्तव" और उनके सहयोगी "अशोक सिंह" को मिलने लगी धमकियाँ ..यही काफी नहीं था की " अशोक सिंह को शिकायत दर्ज करवाने के ४ दिन में ही नौकरी से निकला गया और " रवि श्रीवास्तव " को दी गई २ चार्जशीट ..रवि श्रीवास्तव के खिलाफ यही से सुरु हुवा बुरा सलूक , सबसे पहले तो उनके आसीसटेंट को हटा दिया गया फिर ये कम था की सच्चाई के इस पुजारी को भरे बारिश में घर से बहार निकाला गया ..फ़ोन पर मिलती धमकियाँ और लगातार परेशानी के साथ घर से बाहर |"

* आपकी शिकायत सामान्य है हम आपको मदद नहीं कर सकते |

" जब रवि श्रीवास्तव ने तंग आकर " CBC " को ६ जून ,२१ और २२ जुलाई को पत्र लिखकर हर घटना के बारे में तथा उनको मिलती धमकियों के बारे में जानकारी देकर जब सुरक्षा मांगी तब देश की सबसे अहेम "CBC " ने सच्चाई के इस पुजारी को साथ नहीं दिया और उप्पर से कहा की " आपकी शिकायत सामान्य है हम आपको मदद नहीं कर सकते ". ,,२०० करोड़ के घोटाले को शायद भ्रस्टाचारी लोग सामान्य समजते होंगे मग़र शायद देश की जनता और रवि श्रीवास्तव जैसे सच्चाई के पुजारी नहीं |"

* आइये जाने " मार्कर " का इस्तेमाल और " मार्कर " क्या है ?

" सरकार की अपनी एजेंसी "N.C.E.R " ने पाया की ३८.६ % केरोसिन तेल मिलावट के लिए इस्तेमाल किया जाता है तो उन्हें ,ऐसे मिलावट मिलावटखोरों को पकड़ने के लिए " मार्कर " का इस्तेमाल करना पड़ता है " मार्कर " को केरोसिन में मिलाया जाता है सरकारी डेपो में और अगर कोई पेट्रोलपम्प वाले इस केरोसिन को पेट्रोल या डीज़ल में मिलाते है और सरकारी अधिकारियों के दस्ते को पम्प पर तेल में " मार्कर " का प्रमाण मिलता है तो उस के खिलाफ कार्यवाही की जाती है और प्रमाणित होता है की,ये मिलावटखोर है |"
" १६ जून ०८ को मुंबई में एक जनहित याचिका दाखल की गई थी जिसकी सुनवाई २३ अक्टूबर ०८ को हुई थी और अदालत ने "सीबीआई " को जाँच के आदेश दिए थे और "सीबीआई" के जाँच के अनुसार "सीबीआई" ने " श्री रवि श्रीवास्तव और अशोक सिंह "की सिकायत को सही करार दिया था इसका मतलब हुवा की घोटाला हुवा था ... मग़र जब सिकायत सही थी तो आखिर नौकरी क्यों गई ? "

" नौकरी से क्यों और कैसे हटाया सच्चाई के इस पुजारी को |"

" विजाग में २८-०४-०८ को " आल इंडिया सेंट्रल एक्सेकटिव " की मीटिंग हुई थी, और हैरानी की बात तो ये थी की जिस सख्श ने "hpcl " को २ साल पहले छोड़ दिया था उसीको डायरेक्ट प्रमोशन देते हुवे " HLNCOL " के सीईओ के रूप में घोषित किया गया था , और वो सख्श का नाम था "संजय ग्रोवर" और इस बात का विरोध श्री रवि श्रीवास्तव और अशोक सिंह ने किया था ...यही पुराणी बातों को लेकर इन सच्चाई के पुजारीयों को निकाला गया था नौकरी से |"

" क्या HPCL का ये कदम सही था ? क्या अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाकर रवि श्रीवस्तव ने कोई गुनाह किया था ? "
" दोस्तों , आज भी देश को ऐसे सच्चे और इमानदार "रवि श्रीवास्तव" की जरूरत है वर्ना इस देश को भ्रस्टाचार
नामक दानव खा जायेगा |

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